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बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले  में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को आजादी के दशकों बाद भी अधिकार नहीं,

 

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले  में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को आजादी के दशकों बाद भी अधिकार नहीं,

वरिष्ठ पत्रकार चन्दन कुमार सिंह

 

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले  में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को आजादी के दशकों बाद भी अधिकार नहीं, निर्वाचित प्रतिनिधि का आवस्यक बैठक में जँहा उपस्थिति नदारद है वही कुछ प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर भी फर्जी चल रहा हैहस्ताक्षर करने बालो में पति,देवर,अग्रज,मलिक समेत कर्ताधर्ताओं का भी नाम आता है ।जिसमें मुखिया,सरपंच एवं वार्ड सदस्यों जैसे वित्तीय प्रभार के लोग भी हैं।ऐसा नहीं कि कार्यपालक अधिकारी को खबर नहीं?लेकिन इस कार्य को बढावा दे कर पदाधिकारी क्या कर रहे हैं?प्रखंड प्रशासन के पास हस्ताक्षर का नमूना है ।अगर हस्ताक्षर का मिलान करके काम करते तो गाँधी जी के ग्राम स्वराज का सपना जमीन पर होता । सिंघिया प्रखंड के वार्ड सदस्य एवं पंच परमेश्वर का साठ से सत्तर फीसदी हस्ताक्षर का मिलान पर फर्जी निकलेगा।सरपंच और मुखिया भी अछुता नहीं हैं ।कुछ अति महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र का अबलोकन हो तो पुरा मामला स्पष्ट हो जाएगा ।ग्राम कचहरी की कार्यवाही एवं आम सभा की पंजी को खोलने की आवश्यकता नहीं होगी ।कुल मिलाकर ग्राम स्वराज के गांधी जी का सपना अभी भी अधूरा है ।आम सभा एवं ग्राम कचहरी की कार्यवाही पंजी जैसे महत्त्वपूर्ण पंजी पर गौर करें तो सब स्पष्ट हो जाएगा।


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