
बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है ।
बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है ।मुजफ्फरपुर में तीस से ज्यादा लोगों के आँख निकालने के बावजूद समस्तीपुर में हो रहा है खेला । चिकित्साविभाग की लच्चर व्यवस्था एवं प्रशासनिक अकर्मण्यता के कारण समस्तीपुर जिला भी मुजफ्फरपुर काण्ड को दुहराने का पृष्ठभूमि तैयार कर रहा है ।मामला उजागर होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी अपनी अपनी जवाबदेही से मुकर रही है ।यहाँ बताना आवश्यक है कि रविवार को कुछ युवकों द्वारा प्रचार प्रसार कर लगमा मध्य विद्यालय पर कैप लगा कर आँख का उपचार एवं मुफ्त आपरेशन कराने की सलाह दे रहे थे ।ग्रामीण एवं पत्रकारो के पहुँचते ही पता चला कि कुछ युवक यहाँ बिना किसी प्रशासनिक सहमति के अबैध रूप से कैप लगा रखा है ।हाय तोबा मचने पर थाना प्रभारी सिंघिया द्वारा कैप कर्मी को हिरासत में ले लिया गया ।लेकिन देर रात तक प्रशासनिक व्यवस्था जिम्मेदारी किसकी होगी यही निर्धारित करने में बिता दिया । समाचार लिखे जाने तक मामला जस का तस बना हुआ है । मैं तेरी तू मेरा दुनिया से क्या लेना *** स्वास्थ विभाग के पदाधिकारियों ने उपरोक्त गाने को चरितार्थ कर रहा है ।जवकि जिला प्रशासन के निर्देश पर मुजफ्फरपुर काण्ड का जाँच चल ही रहा हैं ।समस्तीपुर में भी तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा गर्भाशय काण्ड पर संज्ञान लिया गया था ।लेकिन अपराध के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही आखिर क्या दर्शाता है? क्यों गरीबों के साथ अत्याचार को प्रशासन मुख दर्शक बन कर अनदेखी कर रहा है ।अपराध के नित्य हो रहे तकनीक पर हमारा कानून-व्यवस्था आखिर क्या कर रहा है ।क्यों कार्यपालिका लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को अपराधियों के हाशिये पर चढा रहा हैं? अगर प्रशासनिक व्यवस्था अपने कार्य प्रणाली में सुधार नहीं लाते हैं तो वह दिन ��
आपको बताते चले कि सिंघिया प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉ एमएम अंसारी ने भी बताये की लगमा में मिथिला आंख हॉस्पिटल द्वारा शिविर लगाने की कोई जानकारी न ही संस्था के द्वारा दिया गया था और न ही सीएस के द्धारा विभागीय जानकारी दिया गया था।आश्चर्य तो तब सुनने को लगा कि प्रचार के दरमियान फ्री में ऑपरेशन फ़्री में लेंस फ्री में दवा फ्री में चश्मा दिए जाने की बात बोला जा रहा है।जबकि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य कार्ड से इलाज किया जा रहा है तो उससे राशि निकासी तो जरूर होता होगा।मिथिला आंख अस्पताल के कर्मी द्वारा बताया जा रहा है कि मेरा मुसरीघरारी में रजिस्टर्ड है तो रोसड़ा में फिर किस तरफ संचालित किया जा रहा है एक अस्पताल के रजिस्ट्रेशन पर दो जगह अस्पताल संचालित करना भी कानून अवैध है।अब राज्य स्तरीय अधिकारी ही जांच कर मामले को स्प्ष्ट कर पाएंगे कौन सही कौन गलत है