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सिंघिया में श्यामा इमरजेंसी अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीज सावधान ।नही तो जिंदा के बदले मुर्दा बनकर घर लौटीएगा।

सिंघिया में श्यामा इमरजेंसी अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीज सावधान ।नही तो जिंदा के बदले मुर्दा बनकर घर लौटीएगा।

बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड एवं नगर पंचायत स्थित सिंघिया में कॉपरेटिव बैंक के निकट संचालित श्यामा इमरजेंसी अस्पताल में इलाज करवाने आये मरीज सावधान हो जाईए नही तो बीमारी ठीक होने और स्वस्थ होने के बदले जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है तथा मौत के शिकार हो सकते है।सूत्रों से जानकारी मिली कि सिंघिया थाना क्षेत्र के भब्बे ग्राम के सुभाष पासवान के पुत्री को परिजनों ने प्रसव करवाने के लिये सिंघिया पीएचसी में लाये तो वहाँ पर एक आशा ने उसे बेहतर इलाज करवाने की बात बताकर श्यामा इमरजेंसी अस्पताल में एडमिट करवा दी उसे ऑपरेशन कर के प्रसव तो करा दिया गया तथा बच्चा का स्थिति गंभीर रहने पर रोसड़ा में एक निजी अस्पताल में एडमिट करवा दिया गया तथा प्रसव महिला की स्थिति गंभीर रहने पर दरभंगा रेफर कर दिया जहाँ उसकी मौत हो गई। उक्त महिला की मौत होने पर परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है वे लोग बोल रही है कि सिंघिया वाला हमर बेटी के मार देलक ।वहाँ के स्थिति को देखने के बाद किसी का भी दिल दहल रहा था वही प्रसव महिला के ससुराल के कुछ लोगो द्वारा उक्त अस्पताल में आकर हो हंगामा किया तब अस्पताल कर्मी सब ताला लगाकर फरार हो गए वही इस मामले में रोसड़ा के अनुमंडल पदाधिकारी ब्रजेश कुमार के निर्देश पर सिंघिया के सीओ अरुण कुमार तथा सिंघिया पीएचसी के डॉक्टर अविनाश कुमार जांच पड़ताल करने पहुंचे तो ताला लगे रहने पर बिना जांच किये ही वापस लौट गए।मृतक प्रसव महिला की पहचान सिंघिया थाना क्षेत्र के वारी पंचायत के मोहदीपुर ग्राम के चंदू पासवान के पत्नी विद्या देवी के रूप में की गई है।सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव करवाने आये प्रसव महिला को बराबर ही आशा लोगो के द्वारा बहला फुसला कर उक्त अस्पताल में एडमिट करवा कर कमीशनखोरी का खेल हो रहा है। लोग बता रहे है कि ऐसे ऐसे फर्जी अस्पताल को सील कर देना चाहिये नही तो आने वाले समय मे ऐसे ऐसे कितने मासूम को मौत के घाट सुला देगा। जबकि इस अस्पताल में फर्जीगिरी होने की खबर कुछ महीने पूर्व प्रकाशित किया गया तो सिंघिया पीएचसी के डॉक्टर राकेश कुमार के द्वारा जांच पड़ताल किया गया उस समय मे भी एक मरीज को ऑपरेशन करके प्रसव करवाया गया था और जांच के बाद उसका बोर्ड प्लेट हटा दिया गया परंतु ऑपरेशन का गोरखधंधा चल ही रहा था


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