



चंबल के डाकू का पोता बना देश का गौरव
देव तोमर की संघर्ष से सफलता तक की कहानी
ग्वालियर के देव तोमर ने वो कर दिखाया जो कभी उनके परिवार के नाम के साथ जुड़ी डाकूगिरी की छवि को पूरी तरह मिटा देता है। जिनके दादा कभी चंबल के कुख्यात डाकू रहे, उसी परिवार का पोता आज UPSC 2024 में AIR 629 रैंक लाकर युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।
बताया गया कि लोग ताने मारते थे — “डाकू का पोता कुछ नहीं कर पाएगा”, लेकिन देव ने जवाब शब्दों से नहीं, अपनी कामयाबी से दिया! उन्होंने IIT से ग्रेजुएशन किया, नीदरलैंड की फिलिप्स कंपनी में साइंटिस्ट की नौकरी पाई, और फिर सब कुछ छोड़कर UPSC की राह पर निकल पड़े।
वो राह आसान नहीं थी — सेविंग्स खत्म हुईं, हौसला डगमगाया, लेकिन तब उनके पिता, पत्नी और परिवार ने दीवार बनकर उनका साथ दिया। उनकी पत्नी ने नौकरी कर आर्थिक मदद दी, पिता ने संस्कृत में पीएचडी करके पहले ही उदाहरण पेश किया था।
देव की कहानी सिर्फ एक सफल उम्मीदवार की नहीं, बल्कि उन सबको जवाब है जो अतीत की बेड़ियों से भविष्य को बांधते हैं। उनका संदेश साफ है — “नाम नहीं, काम बड़ा बनाओ।”