



भ्रूण हत्या होने पर SMO पर गिरी गाज, 12 को नोटिस और 5 अधिकारियों का तबादला
हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. साल 2025 की पहली तिमाही में लिंगानुपात 909 पर पहुंच गया है, जो साल 2024 के 910 के मुकाबले एक अंक कम है. हालांकि यह अंतर मामूली लगता है, लेकिन सरकार के लिए यह एक गंभीर संकेत है. खास तौर पर तब, जब कुछ जिलों में यह आंकड़ा 900 से भी नीचे पहुंच गया है.
हरियाणा सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कई अहम कदम उठाए हैं. सबसे बड़ी कार्रवाई हिसार के डिप्टी सिविल सर्जन और पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभु दयाल को सस्पेंड करने के रूप में सामने आई है. साथ ही राज्य के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं होता, तो उन्हें चार्जशीट किया जा सकता है. पांच जिलों चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है. वहीं, हिसार जिले में अवैध गर्भपात में संलिप्त पाई गई एक महिला दलाल उषा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी हुए हैं.
इसके अलावा प्रदेश के कुछ इलाकों में हालात बेहद गंभीर हैं. गुरुग्राम, करनाल, चरखी दादरी, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ जैसे जिलों में लिंगानुपात 900 से नीचे जा चुका है. खास बात यह है कि नाहड़, अटेली, तिगांव, टाउरू, कुंजपुरा जैसे कुछ क्षेत्रों में तो यह आंकड़ा 700 से भी नीचे गिर गया है. हरियाणा सरकार ने अब तक 300 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) केंद्रों का पंजीकरण रद्द किया है और 23 को नोटिस देकर बंद करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही, ऑनलाइन भ्रूण लिंग परीक्षण में शामिल 17 विक्रेताओं पर एफआईआर भी दर्ज की गई है.
सरकार अब एक और अहम कदम उठाने जा रही है. जिन गर्भवती महिलाओं के पहले से एक या एक से ज्यादा बेटियां हैं, उनकी विशेष निगरानी की जाएगी. अब तक ऐसी 62,000 महिलाओं की पहचान की जा चुकी है. उन्हें हेल्पलाइन नंबर 104 के जरिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही आशा वर्करों को भी इससे जोड़ा जा रहा है ताकि समाज में कन्या भ्रूण हत्या की सोच पर रोक लगाई जा सके. यह एक स्पष्ट संदेश है कि अब लापरवाही नहीं चलेगी. सरकार सख्त है और समाज को भी इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है.