बिहार में 132 आशा कार्यकर्ताओं की गई नौकरी

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बिहार में 132 आशा कार्यकर्ताओं की गई नौकरी

 

बिहार के सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड में अवैध रूप से नियुक्त 132 आशा कार्यकर्ताओं को नौकरी चली गई। ये सभी सेटिंग-गेटिंग कर नियुक्ति पाने में सफल हो गई थी। नियुक्त करने वाले अधिकारी भी बहाली के तमाम नियमों को ताक पर रख दिए थे। आखिकार सच्चाई नहीं छुपी। जांच होने पर सबकुछ सामने आ ही गया। बहरहाल, राज्य स्वास्थ्य समिति के पत्र के आलोक में सीएचएस प्रभारी ने एक साथ इन सभी आशा का चयन रद्द कर दिया है। इस कार्रवाई से इन सभी 132 आशा कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है।

स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के लिए आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाता है। परिहार में भी बड़ी संख्या में आशा चयनित की गई थीं। ये आशा कार्यकर्ता विभाग के कदम से कदम मिला कर चल रही थीं। विभाग के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद करती थीं। वह कल तक स्वास्थ्य विभाग की कर्मी कहलाती थी और अब सीधे सड़क पर आ गई हैं। मामला यह है कि आशा कार्यकर्ताओं का चयन ही गलत तरीके से कर लिया गया था। इस कारण जांच के बाद एक साथ 132 आशा कार्यकर्ताओं का चयन रद्द कर दिया गया है। यानी उनके हाथ से नौकरी छीन गई। रद्द करने की यह कार्रवाई परिहार पीएचसी प्रभारी डॉ आरपी शाही ने की है।

जांच में पकड़ी गई थी गड़बड़ी
बताया गया है कि गत दिन राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक परिहार सीएचसी आए थे और सीएचसी का गहन निरीक्षण के साथ कागजातों और पंजियों की जांच की थी। इसी दौरान आशा के चयन में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। गड़बड़ी पर हैरानी व्यक्त की थी। निदेशक ने पीएचसी प्रभारी को आशा के चयन की जांच करा अवैध चयन को रद्द करने का निर्देश दिया था। पीएचसी प्रभारी डॉ शाही ने बताया है कि जांच में कई तरह की अनियमितता समाने आई है। इसी कारण चयन को रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

सीएचसी प्रभारी ने बताया कि कई आशा ऐसी हैं, जिनकी उम्र चयन के दौरान 25 वर्ष से कम और 40 वर्ष से अधिक थी। इनका चयन नहीं करना था। एक हजार की आबादी पर एक आशा का चयन किया जाना था। इस नियम का पालन नहीं हुआ था। यानी पोषक क्षेत्र की आबादी हजार से कम होने पर भी चयन कर लिया गया था। संबंधित अभ्यर्थी को उसी के पंचायत में चयन किया जाना था, जिस पंचायत की वह निवासी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अभ्यर्थी किसी पंचायत की थी और चयन किसी दूसरे पंचायत के लिए कर किया गया था। इसी कारण चयन को अवैध मानकर रद्द किया गया है।

दायित्व निर्वहन में कोताही पर कार्रवाई
कुछ आशा दायित्व के निर्वहन में कोताही बरतती थी। इसी कारण उनका भी चयन रद्द कर उन्हें हटा दिया गया है। जिनका चयन रद्द हुआ है, उनमें परिहार उत्तरी, जगदर और परसंडी पंचायत की 4-4 आशा कार्यकर्ता हैं, जबकि पिपरा विशनपुर, नरगां दक्षिणी और परिहार दक्षिणी पंचायत की 7-7, सुतिहारा, मानिकपुर मुशहरनिया और बबुरवन की 5-5, महादेवपट्टी, धनहा और बेला मच्छपकौनी पंचायत की 2-2, बाया पंचायत की 12, नरगां उत्तरी, कन्हवां और बथुआरा की एक-एक, भेड़हिया पंचायत की 6, खैरवा मलाही की 15, विशनपुर, बेतहा एवं परसा की 8-8, धरहरवा की 3, बराही की 4 और मनपौर पंचायत की 9 आशा कार्यकर्ता शामिल हैं। बताया गया है कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष मुन्ने सिद्दीकी की शिकायत पर मामला उजागर हुआ है और कार्रवाई की गई है।

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