रोसड़ा को जिला बनाने के लिये36वां दिन अनिश्चिकालीन धरना जारी रहा
आज दिनांक 16 अक्टूबर 2023 को 36वां दिन भी रोसड़ा को जिला का दर्जा दिलाने हेतु अनुमंडल वासियों के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा। धरना में रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के हसनपुर व बिथान से दर्जनों की संख्या में नौजवान महिलाएं बच्चे बूढ़े धरना में समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर उपस्थित हुए। प्रतिरोध सभा का संबोधन करते हुए हसनपुर प्रखंड के युवा नेता बबलू यादव ने कहा 30 वर्षों से लंबित मांग रोसड़ा अनुमंडल को जिला का दर्जा अगर नहीं दिया जाता है तो आने वाले दिनों में सिंघिया प्रखंड की तरह रोसड़ा में 36 दिनों से जारी अनिश्चितकालीन धरना के समर्थन में हसनपुर प्रखंड के नागरिकों के द्वारा चरण बद्ध आंदोलन व आक्रोश मार्च किया जाएगा। वही बिथान प्रखंड से आए हुए कन्हैया कुमार ने कहा हमारे प्रखंड से जिला मुख्यालय बहुत दूर है जिसके कारण न्यायालय, समाहरणालय, शैक्षणिक कार्य, रोजगार, व्यवसाय व जिला से संबंधित सभी विभागों में कार्य करवाने हेतु आने-जाने में दिन भर का समय लग जाता है रोसड़ा को जिला का अगर दर्जा मिलता है तो हम लोगों को जिला से संबंधित कार्य से होने वाली बहुत सी परेशानियों से निजात मिल जाएगा। वहीं खुशबू कुमारी कही रोसड़ा जिला के सभी आहर्ताओं को पूरा करता है। लेकिन राजनीति की इच्छा शक्ति के अभाव में अभी तक रोसड़ा को जिला का दर्जा नहीं दिया गया है। जबकि अन्य राज्यों में नए जिलों का गठन किया गया है वही चानों देवी ने कहा स्थानीय जनप्रतिनिधि न होने के कारण क्षेत्र की जनता को यह दिन देखना पड़ रहा है चुनावी वादे को अगर पूरा नहीं किया जाता है तो रोसड़ा की जनता को ठगना इस बार राजनेताओं को महंगा पड़ेगा आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अनुमंडल क्षेत्र की जनता वोट का बहिष्कार करेगी। धरना नेतृत्वकर्ता युवा नेता सह अधिवक्ता मिश्रा विश्व बारूद ने कहा जिला बन जाने से यहां के युवाओं छात्रों नागरिकों व व्यवसाययों को रोजगार स्वास्थ्य आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक व अन्य विभागों में नए अवसर मिलेंगे जिससे अनुमंडल वासियों को लाभ मिलेगा। बताते चलें रोसड़ा को जिला का दर्जा दिलाने के लिए रोसड़ा की जनता सन् 1994 से संघर्षरत है विगत 11 सितंबर 2023 से युवा नेता सह अधिवक्ता मिश्रा विश्व बारूद के नेतृत्व में 36वां दिवस धरना प्रदर्शन जारी है तथा लगातार धरना प्रदर्शन करने के कारण कई धरनार्थियों का स्वास्थ्य भी बिगड़ चुका है। कुछ लोग अस्पताल में तो कुछ लोग घर पर अपनी चिकित्सा करवा रहे हैं। लेकिन शासन व प्रशासन तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि धरनार्थियों से आज तक नहीं आए हैं जिससे अनुमंडल क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है। धरना में अशर्फी साहनी, दीपक कुमार, रानी देवी, अमित कुमार, मुकेश कुमार महतो, संतोष ठाकुर, छोटू कुमार, अरविंद कुमार, सूरज कुमार, आशीष कुमार, कन्हैया कुमार, मो. सरफराज, मो. जावेद,अर्जुन सिंह समेत दर्जनों अनुमंडल वासी धरना में शामिल थे।