बिहार की तरह राजस्थान में भी होगी जातिगत जनगणना, गहलोत सरकार ने जारी किया आदेश
बिहार की तरह राजस्थान में भी जातिगत जनगणना होगी. गहलोत सरकार ने शनिवार को इसके लिए आदेश जार कर दिया. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार राजस्थान में जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी. बता दें कि इस सर्वेक्षण में राज्य के सभी नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर से संबंधित जानकारी और आकंडे़ इकट्ठे किए जाएंगे. सामाजिक न्याय और अधिकारिकता विभाग की तरफ से ये आदेश जारी किया गया है. बयान में कहा गया है कि सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार के लिए यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है.
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद देश के अन्य कई राज्यों में भी जातिगत जनगणना कराए जाने की चर्चा होने लगी. इस कड़ी में राजस्थान ने तुरंत इस पर फैसला ले लिया और शनिवार को इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही कहा था कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत जनगणना करवाएगी.
बता दें कि राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गहलोत सरकार के इस फैसले के बाद राजस्थान में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी ‘एक्स’ एकाउंट पर आदेश की कॉपी शेयर की है. पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस ‘जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के अपने संकल्प पर काम कर रही है.
वहीं, इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जनगणना कराने का काम भारत सरकार का है. मगर ये यह केवल परिवारों का सर्वेक्षण हो रहा है. मैं समझता हूं कि यह बहुत बड़ा फैसला है. हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है, हम इसे आगे बढ़ाएंगे. इसमें उनकी आर्थिक स्थिति भी पता चल जाएगी. आदेश में कहा गया है कि सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारियां और आंकड़ें ऑनलाइन फीड किए जाएंगे.
बिहार सरकार ने जो जातीय गणना के आंकड़े जारी किए, उसके मुताबिक बिहार में कुल 13 करोड़ की आबादी है. इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग 27 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36 फीसदी और ओबीसी 63 फीसदी हैं. मतलब 84 फीसदी आबादी पिछड़ा, जनजातीय व जनजाति वर्ग की है. वहीं, सवर्ण 15.52 फीसदी हैं. सबसे ज्यादा 14.26 फीसदी यादव हैं. ब्राह्मण 3.65 फीसदी, राजपूत 3.45 फीसदी हैं.