अगर गिरे परमाणु बम, तो कैसे बचाएं जान? रेडिएशन से बचने के तरीके

अगर गिरे परमाणु बम, तो कैसे बचाएं जान? रेडिएशन से बचने के तरीके

 

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय सेना ने पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन “सिंदूर” को अंजाम दिया है. यह ऑपरेशन उस समय शुरू किया गया जब पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी थी, और यह कदम भारत के जवाबी कार्रवाइयों का हिस्सा था. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लगभग 15 दिन बाद, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर मिसाइल अटैक किया. इस हमले में कई आतंकवादी मारे गए और प्रमुख आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया.
भारत और पाकिस्तान दोनों ही न्यूक्लियर पावर देश हैं, और इस हालात में पाकिस्तान का भारत को परमाणु हमले की धमकी देना एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान लगातार इस धमकी को दोहरा रहा है, जबकि भारत ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है. यदि भविष्य में युद्ध जैसी परिस्थितियां बनती हैं और पाकिस्तान हमला करता है, तो वह परमाणु बम का उपयोग कर सकता है, जो एक और घातक स्थिति को जन्म देगा. ऐसे में इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर कोई देश परमाणु बम फेंक दे तो रेडिएशन से बचने का क्या तरीका होता है.

“धमाका नहीं, परमाणु हमले का असली खतरा है रेडिएशन”
परमाणु बम दुनिया का सबसे खतरनाक और विध्वंसक हथियार है, और इसका असर सिर्फ विस्फोट तक सीमित नहीं रहता. इस हथियार का इस्तेमाल आखिरी बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ था, जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे. हिरोशिमा पर हुए हमले में कुछ ही मिनटों में करीब 80,000 लोगों की मौत हो गई थी. विस्फोट से उत्पन्न हुई जबरदस्त गर्मी के कारण कई लोग जलकर खाक हो गए थे. लेकिन सबसे घातक असर उस वक्त फैलने वाले रेडिएशन का था, जो न केवल तत्काल मौत का कारण बना, बल्कि इसके दुष्प्रभावों ने कई लोगों की जिंदगी को लंबे समय तक प्रभावित किया. इस रेडिएशन का असर आज भी हिरोशिमा में महसूस किया जा सकता है.

वहीं, नागासाकी पर हुए हमले में शहर का 80 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया था. इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि परमाणु हमले का असली खतरा केवल विस्फोट नहीं, बल्कि उसके बाद फैलने वाला खतरनाक रेडिएशन होता है, जिसका असर पीढ़ियों तक रहता है.
अगर किसी देश पर परमाणु हमला होता है, तो बचाव के लिए समय बहुत कम होता है, क्योंकि विस्फोट के बाद की गर्मी और ऊर्जा बहुत तेज़ी से फैलती है. सबसे बड़ा खतरा रेडिएशन से होता है, जो कई किलोमीटर तक असर डाल सकता है. इस स्थिति में, रेडिएशन से बचने के कुछ अहम कदम हैं, जिन्हें तुरंत अपनाना चाहिए:

दूर भागने की कोशिश न करें: रेडिएशन के फैलने के तुरंत बाद, भागने की बजाय सुरक्षित स्थान पर खुद को छिपा लें. जहां भी कोई ठंडी और सुरक्षित जगह मिलती हो, तुरंत वहां पनाह लें और अगले 24 घंटे तक बाहर न निकलें.
कपड़े उतारें: रेडिएशन के कण कपड़ों में चिपक सकते हैं, इसलिए पहले अपने कपड़े तुरंत उतार लें. इन्हें एक प्लास्टिक बैग में बंद करके इंसानों और जानवरों से दूर रखें.
साबुन से नहाएं: खुद को साफ करने के लिए साबुन और पानी से अच्छे से नहाएं. ध्यान रखें कि शरीर को ज्यादा न रगड़ें, और आंख, नाक और कान को साफ करने के लिए सिर्फ साफ कपड़े का इस्तेमाल करें.

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