सिंघिया के एक आदमी पंचायत रोजगार सेवक के पद पर रहने के बाबजूद शिक्षक बनकर सरकार के साथ धोखाधरी किया है। सीएम के जात विरादरी होने पर कारवाई नहीं हुई है
बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड के अंतर्गत बंगरहटा ग्राम के बिरजू राय जो जो पहले पंचायत रोजगार सेवक बना फिर सरकारी शिक्षिक भी बन गया यह मामला तब उजागर हुई ज़ब बंगरहटा ग्राम के कंचन कुमारी नें सुचना अधिकार के तहत हसनपुर के मनरेगा पीओ से मांग की तो उसे लिखित जानकारी दिया गया की बिरजू राय हसनपुर प्रखंड के औरा पंचायत मे 27 अगस्त 2012 से 27 जुलाई 2014 तक रोजगार सेवक के पद पर कार्य किया है सुरहा बसंतपुर मे 31 मार्च 2014 से 7 जून 2017 एवं फूलहरा पंचायत मे 28 दिसंबर 2011 से 17 अक्टूबर 2013 तक कार्य किया तथा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण समस्तीपुर के ज्ञापांक 1151 दिनांक 13जून 2017 के अलोक मे हसनपुर से उजियारपुर प्रखंड मे स्थानांतरण किया गया था।जबकी शिवाजीनगर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंदा कालोनी के तत्कालीन प्रधानाध्यापक नें लिखित जानकारी दिया है की बिरजू राय नें इस विद्यायालय मे 5 सितंबर 2014 को योगदान किया है फिर भी अभी तक उक्त रोजगार सेवक के विरुद्ध किसी प्रकार का कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है जबकी शिक्षा विभाग के कड़क अधिकारी अपर सचिव के के पाठक भी इस जालशादी फर्जी गिरी को पकड़ने मे नाकामयाब साबित हो रहे है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है की बिहार के सीएम नितीश कुमार के जात विरादरी होनें के कारण मामला जस के तस दबी हुई है। बताते चले की उस समय बिरजू राय नें चंडीगढ़ के मतादाता बनकर चंडीगढ़ सरकार से सरकारी लाभ ले लिया था सूत्रों से जानकारी मिल रही है की मकान भी मिला है