बिहार राज्य ठठेरा संघ की ओर से प्रदेश युवा सचिव एवं प्रदेश हाउस बोर्ड कमिटी के सदस्य, गया जिला से बबलु कुमार को बनाया गया मै तहे दिल से प्रदेश के सभी माननीय पदाधिकारियों को दिल से बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं देते हूँ कि आप ने हमें इतना बड़ा पदभार संभालने का अवसर प्रदान किया है तो ईश्वर को साक्षि मानकर समाज हित के लिए सदैव तत्पर रहा हूँ और सदैव तन,मन, धन से समाज सेवा कर्ता रहूंगा।
*केंद्र और राज्य सरकार ने एक ऐसी जाति को अपेक्षित किया हैं, जिसे हर लोग शिक्षा की दहलीज पर क़दम रखतें ही पहला पाठ के रूप में ठ से ठठेरा पढ़ाया जाता हैं। साथ ही उन अबोध बच्चों को इसका तसवीर भी दिखाया जाता है, जिसमें ठठेरा जाति बर्तन बनाते नज़र आते हैं। परंतु दुर्भाग्य इस बात का हैं कि सरकार ने इस जाति को अपेक्षित किया हैं ख़ुद भी बचपन में ठ से ठठेरा पढ़ चुके है।बावजूद किसी सरकार ने (केंद्र व राज्य) इस जाति के पारम्परिक अधिकारों को दरकिनार करने का औछी कार्य किया। एक तरफ बिहार सरकार ने जाति जनगणना में इस ठठेरा जाति को बनिया वर्ग में डालकर उनके साथ घिनौना मजाक किया, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने विश्वकर्मा योजना से ठठेरा जाति को अलग कर दिया है। ऐसे में राज्य भर के करीब 25 लाख ठठेरा जाति में आक्रोश उत्पन्न हो गया हैं।