



*नारायणस माय प्ले स्कूल, कबड़ाघाट के शिक्षक- अभिभावक बैठक में नए सत्र की योजनाओं पर हुआ गहन विचार- विमर्श*
*बच्चों के लिए इस स्कूल का माहौल परिवार जैसा, बच्चों की दिनचर्या हो रही है बेहतर, छुट्टी में भी बच्चे आना चाहते हैं स्कूल- अभिभावक*
दिल्ली के ख्याति प्राप्त ‘माय छोटा स्कूल’ के फ्रेंचाइजी ब्रांच “नारायणस माय प्ले स्कूल” कबड़ाघाट, दरभंगा में शिक्षक- अभिभावक की बैठक मुख्य संरक्षक डॉ आर एन चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें निदेशक डा अंजू नारायण, प्रिंसिपल अनुपम कुमारी, शिक्षिका वैष्णवी कुमारी एवं पूजा देवी, डॉ शंभू कुमार, डॉ माधवी कुमारी, प्रदीप कुमार पंसारी, अनुराधा अग्रवाल, कृति पंसारी, बबीता अग्रवाल, सुनीता कुमारी, प्रणव नारायण, प्रशांत कुमार झा आदि ने सक्रियता पूर्वक भाग लिया। बैठक में आगामी सत्र 2025-26 के सिलेबस, करिकुलम एवं कई अन्य योजनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। ज्ञातव्य है कि इस विद्यालय का शुभारंभ गत फरवरी माह में हुआ है, जिसमें 2 से 6 वर्ष के बच्चे एवं बच्चियों की प्री- नर्सरी, नर्सरी, एलकेजी एवं यूकेजी की ‘प्ले वे मेथड’ से पढ़ाई होती है। यह बच्चों को पढ़ाने की नवीन एवं प्रभावी शिक्षण-विधि है, क्योंकि इसमें बच्चे खेलते हुए बेहतरीन और स्वाभाविक रूप से सीखते हैं। बच्चे सीखी गई बातें लंबे समय तक याद रखते हैं। इससे बच्चे अपनी पढ़ाई बिना दबाव के अपने अनुभवों एवं क्रियाओं से करते हैं। बच्चे समूह खेलों के माध्यम से आपसी सहयोग, टीम वर्क तथा अनुशासन भी सिखते हैं।
निदेशक डा अंजू नारायण ने बताया कि इस स्कूल का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास करना है। यहां केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। स्कूल में बच्चों को एक मजबूत शैक्षणिक नींव डाला जाता है तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों से उन्हें अपनी संस्कृति एवं परंपराओं की जानकारी मिलती है। स्वागत करते हुए प्रिंसिपल अनुपम कुमारी ने अभिभावकों को स्कूल के नियमों की जानकारी देते हुए नए सत्र के सिलेबस तथा करिकुलम आदि से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यहां बच्चों को रोचक तरीकों से सामाजिक, भावात्मक एवं व्यावहारिक ज्ञान दिया जाता है। बच्चों के समुचित विकास के लिए स्वच्छ, सुरक्षित एवं प्रेरणादायक माहौल देकर उनके माता-पिता को भी शिक्षण- प्रक्रिया में शामिल किया जाता है तथा नियमित फीडबैक एवं संवाद द्वारा बच्चे सीखते और विकसित होते हैं।
अभिभावक डॉ शंभू कुमार ने स्कूल की व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘प्ले स्कूल’ में पढ़ाई से अधिक पढ़ाई की तैयारी कराई जाती है। डॉ माधवी कुमारी ने कहा कि स्कूल आने से मेरा लड़का पढ़ाई के प्रति अधिक जागरूक हुआ है और छुट्टी के दिन भी स्कूल आना चाहता है। प्रदीप कुमार पंसारी ने कहा कि इस स्कूल से हमारे बच्चे अच्छे संस्कार एवं संस्कृति सीख रहे हैं। अनुराधा अग्रवाल ने कहा कि इस मोहल्ला में स्कूल खुलने से हम लोगों को सुविधा हुई है और बच्चों को स्कूल का माहौल घर जैसा लगता है। कीर्ति पंसारी ने कहा कि स्कूल आने से हमारी बच्ची दूसरे बच्चियों से अधिक फ्रेंडली हो रही है। हम लोग स्कूल से बहुत संतुष्ट हैं। बबीता अग्रवाल ने कहा कि मेरे बच्चे को इस स्कूल में इतना अधिक मन लगता है कि वह रविवार को भी स्कूल आना चाहता है। वहीं सुनीता कुमारी ने कहा कि इस स्कूल में नामांकन से मेरा बच्चा समय पर खाना- पीना ठीक से कर लेता है तथा उसकी दिनचर्या भी बेहतर हो गई है।
अध्यक्षीय संबोधन में मुख्य संरक्षक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि इस स्कूल का मुख्य उद्देश्य ‘वर्ल्ड क्लास एजुकेशन फॉर एभरीवन’ है। बच्चे एवं अभिभावकों के काउंसलिंग के आधार पर ही सही कक्षा में नामांकन लिया जाता है। यहां न्यूनतम फीस में सुयोग्य, प्रशिक्षित एवं समर्पित शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों को धैर्यपूर्वक एवं स्नेहपूर्ण रूप से बेहतरीन शिक्षा एवं समुचित देखभाल की जाती है। माता- पिता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर उन्हें समय-समय पर बच्चों की प्रगति से अवगत कराया जाता है। इसी कड़ी में आज मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई है।
इस अवसर पर बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय सहयोग करने वाले अभिभावक- डॉ शंभू कुमार, डॉ माधवी कुमारी, प्रदीप पंसारी एवं अनुराधा अग्रवाल, कीर्ति पंसारी, बबीता अग्रवाल, सुनीता कुमारी एवं डायरेक्टर- डॉ अंजू नारायण, प्रिंसिपल- अनुपम कुमारी, शिक्षिका- वैष्णवी कुमारी तथा पूजा देवी को मां सरस्वती की मिथिला पेंटिंग से सम्मानित किया गया।प्रशांत कुमार झा के संचालन में आयोजित समीक्षा बैठक में शिक्षिका- वैष्णवी कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी नामांकित बच्चे- बच्चियों के मासिक प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत की।