



*जातीय जनगणना पर जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहे हैं विपक्ष : अंजुम आरा*
संजय भारती
समस्तीपुर। समस्तीपुर परिसदन भवन में शुक्रवार को आयोजित एनडीए समस्तीपुर के संवाददाता सम्मेलन को पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने पत्रकारों को संबोधित किया। संवाददाता सम्मेलन का अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष उत्तरी नीलम सहनी एवं दक्षिणी के शशिधर झा ने संयुक्त रूप किया। तो संचालन जदयू जिलाध्यक्ष डॉक्टर दुर्गेश राय ने किया। सह संचालन रा०लो०मो० जिला अध्यक्ष विनोद चौधरी ने किया। वहीं हम के जिला अध्यक्ष धीरज ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संवाददाता सम्मेलन में पूर्व लोकसभा सांसद सह कार्यकारिणी सदस्य अश्वमेघ देवी ने प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा को शाल, पाग देकर सम्मानित किया। संवाददाता सम्मेलन में अंजुम आरा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना का निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया तथा बिहार से इसकी नींव रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह समस्त बिहार वासियों के लिए गर्व का बात है कि जातीय गणना जैसे ऐतिहासिक कदम की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार से हुई। आज वही सोच और संकल्प राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो रास्ता दिखाया, अब देश ने अपनाया है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष जबरन श्रेय लेने का पाखंड कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इसकी पहल और बिहार में इसका संपूर्ण नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्ष की भूमिका मात्र समर्थन देने तक सीमित रही है। जबकि इस ऐतिहासिक निर्णय की शुरुआत और क्रियान्वयन दोनों नीतीश सरकार द्वारा किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि समर्थन देने और किसी पहल की शुरुआत करने में गहरा अंतर होता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह मांग उठाई थी कि वर्ष 2021 की जनगणना जातीय आधार पर हो। इस विषय पर बिहार विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया था, और उस समय राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। वर्ष 2022 में जब बिहार में पहली बार जातीय गणना का निर्णय लिया गया, तब भी एनडीए गठबंधन की सरकार थी। अंजुम आरा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह चुनौतीपूर्ण कार्य न केवल सुचारु रूप से संपन्न हुआ, बल्कि समय-सीमा के भीतर इसके आँकड़े भी सार्वजनिक कर दिए गए, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने यह भी उजागर किया कि इंडी गठबंधन की बैठक में जब नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को पहली प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा, तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे नकार दिया। भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की यह जन्मभूमि एव कर्मभूमि है राजद के लोगों ने उनका हमेशा ही अपमान किया है, यह लोग हमेशा ही आरक्षण विरोधी रहे हैं। अंत में उन्होंने दोहराया कि देश में जातीय जनगणना का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जबकि इसकी आधारशिला रखने और बिहार में इसे जमीन पर उतारने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। उन्होंने कहा कि जातीय गणना का मुद्दा प्रारंभ से ही हमारे नेता की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। मौके पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुकेश सिंह, जदयू जिला प्रवक्ता अनस रिजवान, सुबोध कुमार सिंह, सुनिल कुमार गुप्ता, तौहीद अंसारी, संजीत कुशवाहा, शुभकांत ठाकुर आदि प्रेसवार्ता में उपस्थित रहे।