मुख्यालय के पोल पर गैर मानक निऑन लाईट लगाकर किया लाखों का वारा-न्यारा, नहीं जल रही लाईनें, ऐजेन्सी पर हो कार्रवाई : सुरेन्द्र*

*मुख्यालय के पोल पर गैर मानक निऑन लाईट लगाकर किया लाखों का वारा-न्यारा, नहीं जल रही लाईनें, ऐजेन्सी पर हो कार्रवाई : सुरेन्द्र*

संजय भारती

समस्तीपुर। नगर निगम में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यातायात संकेतक के बतौर मुख्यालय के पोल पर लगाये गये लाखों-लाख रूपये के निऑन लाईट सिर्फ शोभा की वस्तु बना हुआ है। लगते ही खराब हुए लाईट महीनों से बंद पड़ा है। कुछ लाईटें जल भी रहा है तो संस्थानों के बैनर-पोस्टर से लाईट को पूरी तरह ढ़क दिया गया है तो कुछ का सेंसर ही खराब हो गया है। नगर निगम के मेयर, आयुक्त, इंजिनियर को सिर्फ कमीशन से मतलब है, योजनाओं के क्रियान्वयन से नहीं, तभी तो न खराब लाईट बदला जा रहा है और न ही बैनर-पोस्टर टांग कर लाईट को ढंकने वाले संस्थानों पर कारवाई किया जा रहा है। उक्त बातें भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा‌। उन्होंने भाकपा माले टीम द्वारा मुख्यालय में लगे निऑन लाईट का सर्वे करने के बाद प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि प्रति पीस निऑन लाईट का बिल करीब 12-15 सौ रूपये का बनाया गया है, दो साल का गारंटी भी है बाबजूद इसके महीनों से खराब लाईट बदला नहीं गया है। यूं कहा जाये तो कमीशन के चक्कर में निऑन लाईट पर लाखों-लाख रूपये लूटा दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ निऑन लाईट में भ्रष्टाचार हुआ है बल्कि सड़क निर्माण, नाला निर्माण एवं उड़ाही, स्लैब निर्माण, सफाई आदि योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सड़क, नाला, स्लैब बनते ही टूटकर बिखर जाता है। बिल पास हो जाता है लेकिन नाला उड़ाही नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा जहां जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी से लेकर पुलिस कप्तान, जिला जज तक मौजूद रहते हैं, वहां का आलम यह है तो सुदूरवर्ती इलाकों के विकास योजनाओं का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। माले नेता ने पोल पर लगे तमाम खराब निऑन लाईट बदलने, लाईट के खराब सेंसर को बदलने, बैनर – पोस्टर लगाकर निऑन लाईट ढंकने वाले संस्थानों पर कारवाई करने, दोयम दर्जे का लाईट लगाने वाले ऐजेंसी पर एफआईआर दर्ज करने अन्यथा आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है।

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