आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 78 हॉस्पिटल सूची से हटाए गए, 250 को शो-कॉज, 89 ने भरा जुर्माना
झारखंड में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 400 से भी ज्यादा हॉस्पिटलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. 78 हॉस्पिटलों को गड़बड़ी करने के आरोप में डि-इम्पैनल्ड किया गया है. 89 हॉस्पिटलों से करीब एक करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया है, जबकि 250 से भी ज्यादा हॉस्पिटलों को शो-कॉज किया गया है. एक हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
झारखंड स्टेट आरोग्य समिति के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा है कि गड़बड़ियों की जांच लगातार जारी है. जिन हॉस्पिटल्स को चिन्हित किया गया है, अगर उनके प्रबंधन की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. खास बात यह है कि दो महीने पहले लोकसभा में पेश सीएजी की रिपोर्ट में भी झारखंड के हॉस्पिटलों द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया था. रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि झारखंड के प्राइवेट हॉस्पिटलों ने 250 ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर पैसा उठाया, जिनकी पहले ही मौत हो चुकी थी.
राज्य के 47 हॉस्पिटल्स ने एक-एक दिन में अपनी कुल बेड क्षमता की तुलना से ज्यादा मरीजों के इलाज के नाम पर योजना का लाभ लिया. सावित्री देवी मेमोरियल ट्रस्ट हॉस्पिटल की कुल बेड क्षमता 30 है. इसने एक दिन में योजना के तहत 103 मरीजों के इलाज का दावा किया. इसी तरह किडनी केयर सेंटर में मात्र 12 बेड हैं, लेकिन इसने 55 मरीजों के इलाज का दावा किया. रांची के इरबा स्थित क्यूरी अब्दुर्रज्जाक अंसारी कैंसर इंस्टीट्यूट ने 100 बेड की क्षमता रखते हुए 112 मरीजों का इलाज दिखाया.
पलामू जिले के एक हॉस्पिटल ने योजना के तहत डि-इम्पैनल होने के बाद अपना नाम बदल लिया और 130 मरीजों के इलाज के दावा किया. कई मरीजों के इलाज के नाम पर इसने भुगतान भी उठा लिया.