आज दिनांक 10 अक्टूबर 2023 को रोसड़ा को जिला बनाने के लिए चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का 30वां दिवस है रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंडों से बड़ी संख्या में लोग इस धारणा में शामिल हो कर समर्थन दे रहे हैं। आज धरना का नेतृत्व अर्जुन सिंह के द्वारा किया गया साथ ही उन्होंने कहा रोसड़ा जिला के सभी आहर्ताओं को पूरा करता है लेकिन राजनीति की इच्छा शक्ति के अभाव की वजह से रोसड़ा को आज तक जिला का सम्मान नहीं मिला है अनुमंडल वासियों को 30 वर्षों से सभी राजनीतिक दलों के द्वारा मुर्ख बनाकर ठग कर वोट लेते आए हैं लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सभी अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में लग जाते हैं क्षेत्र की जनता से उन्हें कोई लगाव व मतलब नहीं रहता है इसी से प्रतीत होता है स्थानीय व बाहरी लोगों के चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र के प्रति कैसा रवैया रहता है वही प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए युवा नेता सह अधिवक्ता मिश्रा विश्व बारूद ने कहा जब जनता को शासन व प्रशासन से दूर-दूर तक अपना अधिकार व न्याय मिलते हुए नहीं दिखता है तब हतोत्साहित जनता आंदोलन के लिए बाध्य होती है। विगत 30 दिनों से हम लोग अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए लेकिन आज तक शासन हुआ प्रशासन के किसी लोगों ने हम लोगों से मिलने के लिए नहीं आए ना ही किसी प्रकार की हम लोगों से संपर्क करने का कोशिश किया।वहीं प्रतिरोध सभा संतोष कुमार यादव ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर बाहरी होने का आरोप लगाते हुए कहा विधायक और सांसद दोनों स्थानीय न होने की वजह से 30 वर्षों से रोसड़ा की जनता के अरमानों पर पानी फेर रहे हैं रोसड़ा को जिला का दर्जा मिल जाता है तो यहां के युवाओं व्यवसाययों छात्रों रोजगार के नए अवसर शैक्षणिक सामाजिक स्वास्थ्य,आर्थिक,राजनीतिक व अन्य तरह के श्रोतों में लोगों को लाभ मिलेगा लेकिन सन् 1994 के बाद से यहां की जनता अपने अधिकार के लिए लड़ रही है लेकिन बिहार सरकार को कुंभकरणीय निद्रा में सोई हुई है इस बार हम लोग आर पार की लड़ाई के लिए बैठे हुए हैं जब तक हमारी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपने मौलिक अधिकारों का उपयोग करते हुए इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को जारी रखेंगे। धरना में चंदन कुमार, प्यारे मोहन, निरू कुमार यादव, कन्हैया कुमार यादव, राजू यादव, बबलू कुमार, विकास प्रियदर्शी, विवेक सिंह, गुड्डू कुमार, रवि ओम सुमन, देवदत्त झा समेत दर्जनों लोग शामिल थे