



सुपौल में 60 राजस्व कर्मचारी निलंबित
सुपौल जिले में पदस्थापित 60 राजस्व कर्मचारी सात मई से बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन अवकाश और हड़ताल पर हैं. ये कर्मचारी अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर सामूहिक रूप से काम का बहिष्कार कर रहे हैं. मार्च माह में भी इन्होंने 11 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था, परंतु उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं की गईं.
जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी अंचल अधिकारियों को 10 मई को समाहरणालय स्थित सभागार में वार्ता के लिए बुलाया था. लेकिन निर्धारित समय पर एक भी राजस्व कर्मचारी वार्ता में शामिल नहीं हुआ. इसके बाद अधिकारियों ने इनकी अनुपस्थिति की सूचना प्रशासन को दी और कार्रवाई की सिफारिश की.
प्रशासन ने कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी दी थी कि वे 10 मई की शाम 5 बजे तक जिला स्थापना शाखा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं. लेकिन इसके बावजूद भी कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं हुआ. इस लापरवाही को उच्च अधिकारियों की अवहेलना और अनुशासनहीनता माना गया.
देश की वर्तमान परिस्थितियों की संवेदनशीलता, सरकारी योजनाओं के प्रभावित होने और आदेश की अवहेलना को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन ने बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत 60 राजस्व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. निलंबित कर्मचारियों में सुपौल, त्रिवेणीगंज, किशनपुर, राघोपुर, बसंतपुर, मरौना, निर्मली, छातापुर, प्रतापगंज, पिपरा और सरायगढ़-भपटियाही अंचलों के कर्मचारी शामिल हैं.