



पाकिस्तान में सुरक्षाकर्मियों की एक बड़ी गलती सामने आई है
पाकिस्तान में सुरक्षाकर्मियों की एक बड़ी गलती सामने आई है. सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अपने कुछ नागरिकों को भी मार दिया. सेना ने अपने देश के अंदर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार 29 मार्च 2025 की सुबह ड्रोन हमले किए थे. इस हमले में 12 आतंकी मारे गए थे. वहीं इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 10 नागरिकों की भी जान चली गई.
नागरिकों पर किया हमला
मरने वाले नागरिकों में कुछ बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. मासूमों की मौत को लेकर अब पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के राज्य सरकार की ओर से जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक यह हमला पुख्ता खूफिया जानकारी के आधार पर ही किया गया था. इस दौरान कई आतंकवादियों के ठिकानों के साथ ही उनके ट्रांजिट प्वॉइंट को निशाना बनाया गया था. नोट के मुताबिक इस ऑपरेशन में 12 आतंकियों को ठिकाने लगाया गया, हालांकि इसमें कुछ आम नागरिकों की भी जान चली गई.
कैसे हुई इतनी बड़ी गलती?
सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि वैसे तो इस तरह के नुकसान ने हरसंभव बचने की कोशिश की जाती है, लेकिन इलाका बेहद जटिल था और आतंकी नागरिकों की आबादी के बीच छिपे रहते हैं. वहीं जल्दबाजी में चलाए गए इस अभियान के कारण इस तरह की गलती हो जाती है. हादसे को लेकर प्रांतीय सरकार के सूचना सलाहकार बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ ने नागरिकों की मौत पर अफसोस जताया. उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई. सैफ ने कहा,’ इस तरह के ऑपरेशन में नागरिकों की सुरक्षा हमारी बड़ी जिम्मेदारी है.’
पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा
पाकिस्तान सरकार ने शनिवार 29 मार्च 2025 को एक और प्रेस नोट जारी किया, जिसमें उन्होंने नागरिकों की मौत की जांच करने का ऐलान किया. सरकार जांच रिपोर्ट सामने आने पर अपना रुख साफ करेगी. हमले में घायल नागरिकों को मेडिकल हेल्प और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की बात कही गई है. सरकार का कहना है कि उसका लक्ष्य आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है. वहीं हमले में अनजाने में मारे गए नागरिकों के परिवारों की हर तरह से मदद की जाएगी.