



मोतिहारी में इंटरनेशनल साइबर गैंग का खुलासा
मोतिहारी पुलिस एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई कर रही है. जहां कल एक अवैध गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था, वहीं आज साइबर थाना ने पाकिस्तान और नेपाल कनेक्शन वाले एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. इस नेटवर्क से जुड़े 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए हैं.
गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने 10 स्मार्टफोन, 8 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, 19 सिम कार्ड और नगद रुपये बरामद किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में इमामुद्दीन अंसारी, कयूम अंसारी, सहजाद आलम, सरवर सुल्तान और मनोवर आलम शामिल हैं. ये सभी पहाड़पुर थाना क्षेत्र के सिसवा गाँव के निवासी हैं और लंबे समय से इस फ्रॉड में सक्रिय थे.
जांच में सामने आया है कि मोहम्मद इब्राहिम नाम का युवक नेपाल से पाकिस्तानी सिम के जरिए इस साइबर फ्रॉड नेटवर्क को चला रहा था. वह मोतिहारी के युवकों को अपने गिरोह में शामिल कर धोखाधड़ी के अलग-अलग तरीके सिखाता था.
अपराधी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक पर विज्ञापन और डोनेशन के नाम पर लोगों से पैसे वसूलते थे. इसके लिए वे अलग-अलग लोगों के नाम पर बैंक खाते और सिम कार्ड खुलवाते थे. उन खातों में पैसे ट्रांसफर कर UPI और अन्य डिजिटल माध्यमों से लेनदेन किया जाता था.
ठगी से मिले पैसे को अपराधी Binance App के जरिए USDT (क्रिप्टो करेंसी) में बदल देते थे. इस पैसे का इस्तेमाल क्रिप्टो ट्रेडिंग में किया जाता था ताकि इसे ट्रैक करना मुश्किल हो. एसपी स्वर्ण प्रभात के अनुसार, बरामद पासबुक में करोड़ों के ट्रांजेक्शन का पता चला है.
यह गिरोह ग्रामीण इलाकों में जाकर भोले-भाले लोगों, विशेषकर महिलाओं से झूठ बोलकर उनके नाम पर खाते खुलवाता था. कुछ महिलाओं को यह कहकर बरगलाया गया कि सरकार उनकी बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए पैसा दे रही है. इसके बदले वे बैंक खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज दे देती थीं, जो बाद में फ्रॉड में इस्तेमाल होते थे.
पुलिस को शक है कि इस साइबर फ्रॉड नेटवर्क को कुछ सफेदपोश (वाइट कॉलर) लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है, जो पर्दे के पीछे रहकर नेटवर्क को संचालित करते हैं. उम्मीद की जा रही है कि मोतिहारी पुलिस जल्द ही इन वाइट कॉलर अपराधियों को भी बेनकाब करेगी.