



PAK गोलीबारी में बिहार का एक और लाल शहीद, तीन महीने पहले ही हुई थी शादी
देश की सीमा की रक्षा करते हुए बिहार के एक और लाल ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी. पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में घायल हुए सीवान के जवान रामबाबू प्रसाद की इलाज के दौरान मंगलवार सुबह मौत हो गई. वे जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनात थे. 9 मई को हुए हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे थे.
जैसे ही शहादत की खबर उनके पैतृक गांव वसिलपुर (थाना-गौतम बुद्ध नगर) पहुंची, पूरे इलाके में मातम पसर गया. शोक की लहर दौड़ गई और गांव के लोग स्तब्ध रह गए. कुछ महीने पहले ही रामबाबू ने अपने जीवन की नई शुरुआत की थी. फरवरी में उनकी शादी हुई थी. घर अभी खुशियों से भरा ही था कि यह दुखद समाचार दिल तोड़ गया.
शहीद जवान के पिता स्वर्गीय रामविचार सिंह बड़हरिया प्रखंड के हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रहे हैं. रामबाबू बचपन से ही देशभक्ति के जज्बे से भरे हुए थे. वे बीएसएफ में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे थे और उनकी पोस्टिंग इन दिनों जम्मू-कश्मीर में थी. सीमा पर डटे रहकर उन्होंने देश की रक्षा की और अंत में अपने कर्तव्य को निभाते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.
गांव के लोग उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं. शाम तक उनके शव के गांव पहुंचने की संभावना है. प्रशासन ने राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की पूरी तैयारी कर ली है. सैन्य अफसर और स्थानीय अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे.
शहीद की पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. विवाह के तीन महीने भी पूरे नहीं हुए थे और सुहाग उजड़ गया. आंखों में आंसू हैं, पर सीने में अपने वीर पति की शहादत पर गर्व भी झलकता है. गांव के लोग भी गर्व के साथ नम आंखों से अपने लाल को अंतिम विदाई देने को तैयार हैं.