आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया बिहार विधानसभा का घेराव, पुलिस ने चलाई लाठियां, कई महिलाएं बेहोश
बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार (6 नवंबर) से शुरू हो चुका है. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (7 नवंबर) को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर बिहार विधानसभा घेराव किया. प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले वॉटर कैनन और फिर लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया, जिसमें कई महिलाएं घायल होकर बेहोश हो गई हैं. जानकारी के मुताबिक, प्रशासन में बल प्रयोग करके सभी प्रदर्शनकारियों को मौके से हटा दिया है. फिलहाल सभी को प्रशासन ने विधानसभा गेट के पास से हटा दिया गया है.
बता दें बिहार में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ का एक महीने से आंदोलन जारी है. इस आंदोलन को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. जिला प्रशासन द्वारा उन तमाम आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाओं के सेंटर पर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं कि जल्द ही केंद्र को खोले नहीं तो कार्रवाई होगी. ऐसे में बौखलाईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सोमवार (6 नवंबर) को पुनपुन में सड़क पर घंटों विरोध-प्रदर्शन किया था सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो आगामी चुनाव में हम सभी लोग सबक सिखाएंगे
पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग में कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं घायल होकर बेहोश हो गईं हैं. इसके बाद प्रशासन की ओर से उन्हें ई रिक्शे में लिटाकर ले जाया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर हमारी 5 सूत्री मांगों पर विचार नहीं किया गया तो चुनाव में हम सभी वोट से उन्हें वंचित करेंगे. उन्होंने कहा कि जो हमारी बात सुनेगा वहीं कुर्सी पर राज करेगा
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को सरकार के सामने अपनी मांग रखने का अधिकार है और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान भी देना चाहिए. वर्तमान बिहार सरकार लोगों की मांगों को गंभीरता से लेती है और उस पर विचार विमर्श किया जाता है.