ग्रामीण सड़कों की स्थिति कमोबेश वही जो लालू जी के राज में हुआ करती थी: प्रशांत किशोर
*ग्रामीणों ने पक्की सड़क की मांग को लेकर सांसद, एमएलसी और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के काफिले को रोककर विरोध किया, प्रशांत किशोर – 2015 में 80 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की हुई थी बात, नहीं दिखा सही काम*
*नालंदा:* नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के देकपुरा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने पक्की सड़क की मांग को लेकर नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, एमएलसी रीना यादव, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर सुनील के काफिले को रोककर विरोध किया। दरअसल, नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार अपने अन्य नेताओं के साथ अंबा पंचायत के विभिन्न इलाके में उद्घाटन समारोह में शामिल होने जा रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने बीच रास्ते में ही रोककर अपना विरोध प्रकट किया। सड़कों के खस्ता हालत को लेकर जब जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि 2015 में अनुमान था कि 80 हजार करोड़ रुपए अगर खर्च किया जाए, तो बिहार में हर घर से निकलने वाले नाले का पक्कीकरण कर दिया जाएगा। उस नाले से पानी को निकाल कर एक बड़े नाले में लाया जाएगा और उस बड़े नाली से पानी को गांव से बाहर ले जाकर उसका निस्तारण किया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत घरों के नालियों का पक्कीकारण तो कहीं नहीं हुआ है, गांव में कुछ बेतरकीब नाले जरूर बने हुए हैं।
*ग्रामीण सड़कों की स्थिति कमोबेश वही जो लालू जी के राज में हुआ करती थी: प्रशांत किशोर*
प्रशांत किशोर ने सीतामढ़ी में जन सुराज पदयात्रा के क्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि योजना के तहत घरों की नालियों का पक्कीकारण तो कहीं नहीं हुआ है, गांव में कुछ बेतरकीब नाले जरूर बने हुए हैं। उस नाले से ना ही घर की नालियों को जोड़ा गया है और ना ही इन नालों से पानी को बाहर निकालने की व्यवस्था की गई है। नतीजा यह हुआ है कि जहां पर गांव में यह नाले बने हुए हैं, वहां ज्यादातर जगहों पर नाले कूड़ेदान बन चुके हैं। इसमें पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं बची है। ग्रामीण सड़कों की जो स्थिति है वह कमोवेश वही है जो लालू जी के राज में हुआ करती थी।