उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950
250 वर्ग मीटर (लगभग 2,690 वर्ग फुट) तक की ही ज़मीन खरीद सकते
विक्रम सिंह रिपोर्टर
हल्द्वानी : 03, सितम्बर 2025
उत्तराखंड का भू-अध्यादेश 2025, जिसका औपचारिक नाम उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950) (संशोधन) अधिनियम, 2025 है, गैर-निवासियों द्वारा ज़मीन खरीदने पर कड़े प्रतिबंध लगाता है. इसके अनुसार, बाहरी लोग राज्य के 13 में से 11 पहाड़ी जिलों में कृषि और बागवानी के लिए ज़मीन नहीं खरीद सकते. आवासीय भूमि की बात करें तो बाहरी लोग अब केवल 250 वर्ग मीटर (लगभग 2,690 वर्ग फुट) तक की ही ज़मीन खरीद सकते हैं.
नए भू-कानून के मुख्य प्रावधान
11 जिलों में कृषि भूमि पर प्रतिबंध
उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों में बाहरी लोग अब कृषि या बागवानी के लिए ज़मीन नहीं खरीद पाएंगे. हरिद्वार और उधम सिंह नगर को इससे छूट मिली है.
आवासीय भूमि की सीमा
गैर-निवासी अब केवल 250 वर्ग मीटर तक की आवासीय भूमि खरीद सकते हैं.
एक बार की खरीद
यह 250 वर्ग मीटर की सीमा प्रति परिवार एक बार ही लागू होगी, यानी एक ही संपत्ति खरीदी जा सकती है.
शपथ पत्र
बाहरी लोगों को ज़मीन खरीदते समय कानूनी शपथ पत्र देना होगा कि वे 250 वर्ग मीटर की सीमा के अंदर ही खरीद रहे हैं.
नजूल भूमि पर रोक
राज्य में नजूल भूमि (सरकार की भूमि) के फ्री होल्ड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
यह कानून क्यों लाया गया?
भूमि का दुरुपयोग रोकना
यह कानून खेती लायक ज़मीनों को खरीदकर होटल, रिसॉर्ट और फार्म हाउस में बदलने के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है.
स्थानीय लोगों का हक
इसके लागू होने से स्थानीय लोग अपनी ज़मीन पर अपना हक नहीं खोएंगे.
प्रकृति का संरक्षण
यह राज्य के पर्यावरण को बचाने और प्राकृतिक खूबसूरती को बनाए रखने के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण है.
