बिहार में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, नाबालिग को सुनाई उम्रकैद की सजा
आरा की अदालत ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. दरअसल हत्या के केस में विधि विरुद्ध (नाबालिग लड़के) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही उसके खिलाफ 1.02 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.
आचरण के आधार पर सजा होगी कम: अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आचरण के आधार पर नाबालिग की सजा कम की जा सकती है. साथ ही अगर डीएलएसए (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) को मुआवजा राशि अपर्याप्त लगती है, तो वह इसे बढ़ा सकता है.
विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार पांडा ने सुनाया फैसला: प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह बाल न्यायालय मामलों के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार पांडा ने मंगलवार को भोजपुर के बड़हरा थाने से जुड़े हत्या के केस में यह सजा सुनाई है.
”नाबालिग को देखते हुए हत्या जैसी कांड को माफ नहीं किया जा सकता है. इसके अलवा मृतक संतोष के उपचार में भी परिवार का बहुत पैसा खर्च हुआ है, इसलिए एक लाख 2 हजार का अर्थदंड भी लगाया जा रहा है, जरूरत पड़ेगी तो आर्थिक दंड को और बढ़ाया जा सकता है”. -आरा कोर्ट
2022 में हुई थी हत्या: हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले साधु शरण राय ने बताया कि घटना बड़हरा थाना क्षेत्र की है. 17 मई 2022 को संतोष कुमार नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. संतोष कुमार रात 10 बजे अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घर के बाहर बैठे हुए थे.
नाबालिग पर हत्या का आरोप: इसी बीच दो बाइक सहित पांच व्यक्ति उक्त स्थान पर आए, जिनमें नाबालिग लड़का भी था. आरोप है कि उसी ने संतोष कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद संतोष कुमार को उपचार के लिए आनन-फानन में मटुकपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
”पुलिस की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य, चार्जशीट और अभियोजन पक्ष की गवाही के आधार पर कोर्ट की ओर से हत्या के मामले में नाबालिग लड़के को आजीवन कारावास और आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है”. -राज ,एसपी
