बिहार में बिजली विभाग के एक इंजीनियर के पास अकूत अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने समस्तीपुर के विद्युत अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) विवेकानंद के ठिकानों पर गुरुवार को अपनी तलाशी पूरी कर ली. इस जांच में अब तक इंजीनियर के पास लगभग 30 करोड़ रुपये की संपत्ति होने का अनुमान है.
जांच के दौरान यह सामने आया है कि इंजीनियर विवेकानंद ने मार्च 2009 से अब तक करीब 8 से 10 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य की 21 अचल संपत्तियों की खरीद की. ये संपत्तियां मुख्य रूप से पटना के दानापुर और फुलवारी शरीफ के साथ-साथ सीवान में खरीदी गई हैं. इसके अलावे विवेकानंद ने अपनी पत्नी के नाम पर सीवान में साढ़े तीन बीघा का एक भूखंड भी खरीदा है.
इंजीनियर ने अवैध रूप से अर्जित इस बड़ी संपत्ति को वैधता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी (बेनामी) कंपनियां भी खोल रखी थीं. इन कंपनियों के माध्यम से वह रियल एस्टेट के कारोबार में सक्रिय थे.
ईओयू को तलाशी के दौरान करीब 30 लाख रुपये मूल्य के सोने के आभूषण भी मिले हैं. उनकी कुल संपत्ति का आकलन 25 से 30 करोड़ रुपये के बीच किया जा रहा है, जो उनके ज्ञात आय स्रोतों से काफी अधिक है.
कहां-कहां किया है निवेश
ईओयू ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में समस्तीपुर स्थित उनके कार्यालय और आवास, पटना के दानापुर स्थित कश्यप ग्रीन सिटी में उनके फ्लैट, और सीवान में पैतृक आवास सहित कुल 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की थी. टीम को यह भी पता चला है कि इंजीनियर ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और वाराणसी में जमीन खरीदी है और समस्तीपुर के एक शॉपिंग मॉल में भी निवेश किया है.
विवेकानंद पर यह कार्रवाई तब हुई है जब इससे पहले ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों विनोद कुमार राय और नागेंद्र कुमार पर भी भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में जांच एजेंसियां कार्रवाई कर चुकी हैं.
