विक्रम सिंह रिपोर्टर
हल्द्वानी (उत्तराखण्ड) – 03,अक्टूबर 2025
हल्द्वानी की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि हिमालय क्षेत्र की प्राचीन परंपराओं से जुड़ी है, जहाँ सिद्ध योगी और संत साधना करते थे. शहर में कई प्रमुख मंदिर, जैसे शीतला देवी मंदिर, काली सिद्ध बाबा मंदिर और मोटेश्वर महादेव मंदिर हैं, जो भक्तों की आस्था का केंद्र हैं. लटूरिया बाबा आश्रम भी संत-सेवा और आध्यात्मिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है.
प्रमुख आध्यात्मिक स्थल
लटूरिया बाबा आश्रम
यह आश्रम 1898 में स्थापित हुआ था, जहाँ लटूरिया महाराज ने साधु-संतों की सेवा के लिए डेरा डाला था. यहाँ प्रतिदिन धुनी रमाई जाती है, भजन-कीर्तन होते हैं और योगाभ्यास कराया जाता है.
शीतला देवी मंदिर
हल्द्वानी की एक ऊँची चोटी पर स्थित यह मंदिर माँ शीतला को समर्पित है, जो भक्तों को संक्रामक रोगों से बचाती हैं. यह नवरात्रि के दौरान हज़ारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.
श्री कालू सिद्ध बाबा का मंदिर
यह मंदिर हल्द्वानी के कालाढूंगी चौराहे पर स्थित एक सिद्ध पीठ है.
मां काली का प्राचीन मंदिर
गौलापार में जंगलों के बीच स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवी ने सपने में दर्शन देकर अपनी प्रतिमा के बारे में बताया था.
अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर
यह उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित है.
धार्मिक महत्व
हल्द्वानी का हिमालयीन क्षेत्र प्राचीनकाल से ही योगियों और साधु-संतों की तपोभूमि रहा है, जिससे यह क्षेत्र स्वयं पवित्र हो गया है.
यहाँ के प्रमुख मंदिरों का अपना प्राचीन और रहस्यमयी इतिहास है, जो भक्तों की गहरी आस्था और धार्मिक महत्व से जुड़े हैं.
शहर में आर्य समाज भवन (1901) और सनातन धर्म सभा (1902) का निर्माण हुआ, जो इसके धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाता है.
