सौपे गये दस्तावेज़ों से तत्कालीन मुख्यमंत्री और कुछ नौकरशाहों की इस मामले में संलिप्तता का पता चलेगा

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विक्रम सिंह
हल्द्वानी / देहरादून (उत्तराखण्ड )- 10,नवम्बर 2025
कॉर्बेट पाखरो टाइगर सफारी मामले में सीबीआई जाँच आगे बढ़ती दिख रही है। इस सिलसिले में सीबीआई कुछ अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है और इसके लिए उसने राज्य सरकार को पत्र लिखा है। वहीं, सीबीआई की एक टीम ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी इस सिलसिले में पूछताछ की। पूछताछ के बाद, हरक सिंह रावत ने दावा किया है कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और नौकरशाहों की भूमिका से जुड़े कुछ दस्तावेज़ सीबीआई को सौंपे हैं। उन्होंने दावा किया कि इन दस्तावेज़ों से तत्कालीन मुख्यमंत्री और कुछ नौकरशाहों की इस मामले में संलिप्तता का पता चलेगा। अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कथित अवैध निर्माण की जांच कर रही सीबीआई ने अचानक हुए घटनाक्रम में इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से पूछताछ की है और साथ ही मामले में कथित रूप से शामिल अधिकारियों से पूछताछ करने की अनुमति भी मांगी है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हरक सिंह रावत ने कॉर्बेट में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद की तैनाती से संबंधित आदेश या फाइल नोटिंग की प्रतियां सौंपी होंगी। रावत ने एक बार फिर दावा किया कि पाखरो टाइगर सफारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि इस सफारी का निर्माण होना चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा। आरोप है कि अधिकांश निर्माण कार्य बिना किसी उचित प्राधिकरण की अनुमति के अवैध रूप से किया गया था और इसके लिए पार्क में कथित तौर पर बड़ी संख्या में पेड़ भी काटे गए थे। गौरतलब है कि इस मामले में तत्कालीन पीसीसीएफ राजीव भरतरी का भी तबादला कर दिया गया था।


सीबीआई का दावा है कि पाखरो मामले की जाँच में उसे उल्लेखनीय प्रगति मिली है। सीबीआई अधिकारियों ने कॉर्बेट के पाखरो क्षेत्र का दौरा करके कई महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र करने का भी दावा किया है। इसके अलावा, सीबीआई अधिकारियों ने कई बार वन मुख्यालय का भी दौरा किया। वहाँ से भी कई दस्तावेज़ एकत्र किए गए हैं। सीबीआई ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है।

 

Kaushal kumar
Author: Kaushal kumar

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