औरंगाबाद जिले के रफीगंज शहर के राजा बागीचा स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में गया जिला के कोंच थानांतर्गत कोराप पंचायत के डिहुरी गांव निवासी मिथुन शर्मा ने अपने गर्भवती पत्नी 26 वर्षीय पूजा कुमारी को इलाज हेतु भर्ती करवाया. जहां डॉक्टर प्रकाश कुमार द्वारा इलाज प्रारंभ किया गया.
पति ने बताया कि मेरी पत्नी चार माह की गर्भवती थी. पेट में दर्द होने के कारण उसे इलाज के लिए यहां लाया गया, डॉक्टर के द्वारा भर्ती कर दो इंजेक्शन तथा पानी चढ़ाया गया, इसी बीच पत्नी की तबियत बिगड़ने लगी तो इसी क्रम में डॉक्टर ने मुझे जूस लाने के लिए बाजार भेज दिया. जब मैं वापिस आया तो देखा की डॉक्टर एवं कंपाउंडर अस्पताल छोड़कर फरार थे, पत्नी मृत अवस्था में बेड पर पड़ी हुई थी.
इसकी सूचना परिजन तथा स्थानीय लोगों ने रफीगंज थाना को दिया. थाना द्वारा एसआई मिथिलेश कुमार, विनोद कुमार एवं एकराम खान दल बल के साथ पहुंचे. कागजी कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया. रात्रि में पोस्टमार्टम हाउस बंद होने के कारण शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया.
निजी अस्पतालों की बिछा हुआ है जाल
रफीगंज में निजी अस्पतालों का जाल बिछा हुआ है, जहां अक्सर दलालों के द्वारा गुमराह कर दूर दराज के मरीजों को भर्ती करवाया जाता है तथा सस्ती इलाज के नाम पर मोटी रकम की उगाही की जाती है, इस क्रम में अक्सर देखने को मिला है कि मरीजों की मृत्यु के बाद दलालों द्वारा मृतक के परिजनों को पैसे देकर मामला रफा दफा करवाने का दबाव बनाया जाता है. ऐसे में अबतक देखा गया है कि अनेकों मामले शांत हो जाते है तथा कुछ ही मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
रफीगंज थाना अध्यक्ष शंभू कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम करा मृतक के परिजनों को सौंप दिया गया है. आवेदन मिलने पर पुलिस द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पुलिस अपने स्तर से जांच पड़ताल में लगी हुई है. मामले में जो भी दोषी होगा उसे पर कार्रवाई की जाएगी.







