नेपाल में हिंसा या अन्य कारणों से प्रभावित होने पर भारत में शरण
ऐसे नेपाली नागरिक जो भारत से अपनी नागरिकता नहीं छोड़ते और दोहरी नागरिकता रखते
विक्रम सिंह रिपोर्टर
हल्द्वानी ( उत्तराखण्ड )03,अक्टूबर 2025
पिथौरागढ़ से भारत और नेपाल की खुली सीमा के माध्यम से विभिन्न प्रकार के नेपाली नागरिक आते-जाते हैं, जिनमें वे लोग शामिल हैं जो नेपाल में हिंसा या अन्य कारणों से प्रभावित होने पर भारत में शरण लेते हैं, पर्यटक जो सीमा पार करने वाले पुलों का उपयोग करते हैं, और ऐसे नेपाली नागरिक जो भारत से अपनी नागरिकता नहीं छोड़ते और दोहरी नागरिकता रखते हैं, खासकर वे जो पिथौरागढ़ क्षेत्र के निकट के नेपाली शहरों जैसे दार्चुला से संबंधित हैं।
यहां कुछ प्रकार के नेपाली प्रवासी हैं जो पिथौरागढ़ से संबंधित हैं-
शरणार्थी/विस्थापित नागरिक
नेपाल में किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति होने पर, बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, पिथौरागढ़ के पास के इलाकों जैसे धारचूला में प्रवेश करते हैं और फिर अपने घर लौटते हैं।
पर्यटक/आगंतुक
पर्यटक धारचूला और झूलाघाट जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों का उपयोग करते हैं जहाँ से वे काली नदी के पुल को पार करके आसानी से नेपाल पहुँच सकते हैं। ये पुल भारतीय नागरिकों को बिना किसी बड़ी औपचारिकताओं के नेपाल में प्रवेश करने की सुविधा देते हैं।
दोहरी नागरिकता वाले लोग
कुछ नेपाली लड़कियाँ, जिन्होंने भारतीय नागरिकता हासिल नहीं की है और अपनी नेपाली नागरिकता भी बरकरार रखी है, पिथौरागढ़ क्षेत्र में रहने के लिए जानी जाती हैं।
अवैध प्रवेशकर्ता
दुर्लभ मामलों में, नेपाल से भागकर भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले अपराधी भी सीमावर्ती इलाकों में पकड़े जा सकते हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र
धारचूला
यह पिथौरागढ़ का एक शहर है जो नेपाल के दार्चुला से मात्र एक पुल की दूरी पर है, जिससे लोगों के लिए आना-जाना आसान हो जाता है।
झूलाघाट
यह भी एक सीमावर्ती गाँव है जहाँ से लोग काली नदी पर बने झूला पुल को पार करके नेपाल जा सकते हैं।
जौलजीबी
जौलजीबी से भी नेपाल जाने का एक रास्ता है, जो प्रसिद्ध मेले का स्थान भी है।
