राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपनी रिपोर्ट “भारत में अपराध” में अपराधों से संबंधित सांख्यिकीय आंकड़े संकलित और प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2022 के लिए है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2022 की अवधि के दौरान बच्चों (18 वर्ष से कम) के विरुद्ध साइबर अपराधों के अंतर्गत दर्ज अपराध मामलों का शीर्षवार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के माध्यम से साइबर अपराध और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध सहित अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की पहलों को उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के क्षमता निर्माण हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करके सहायता प्रदान करती है। ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आई4सी) की स्थापना 01.07.2024 को संबद्ध कार्यालय के रूप में की गई।
आई4सी के तहत, ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (एनसीआरपी)
( https://cybercrime.gov.in ) शुरू किया गया है ताकि आम जनता विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों में मामलों सहित सभी प्रकार के साइबर अपराधों से सम्बंधित घटनाओं की रिपोर्ट कर दर्ज कर सके। इस पोर्टल पर दर्ज साइबर अपराध की घटनाओं, उनकी एफआईआर में रूपांतरण और उसके बाद की कार्रवाई सम्बंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कानून के प्रावधानों के अनुसार की जाती है। ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज करने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ शुरू किया गया है।
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के बच्चों सहित सभी के बीच साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई पहल की हैं। सीबीएसई के माध्यम से ऑनलाइन मोड में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए गए, जो पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूलों में भी वितरित किए गए। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) भी डिजिटल सुरक्षा पर बच्चों की जागरूकता के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में इसी तरह के सत्र आयोजित करता है।
सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) के सहयोग से आई4सी द्वारा साइबर स्वच्छता पर एक विशेष पुस्तिका तैयार की जा रही है, जो विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को लक्षित करती है, जिसे पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूलों और जिला केंद्रों तक पहुँचाया जाएगा। आई4सी पाठ्यक्रम में साइबर स्वच्छता अध्याय को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के संपर्क में भी है, इसे पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा।
आई4सी, गृह मंत्रालय़ ने देश भर में 2 लाख से अधिक एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस छात्रों को साइबर स्वच्छता प्रशिक्षण दिया है। आई4सी ने पूर्वोत्तर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के डाकघरों में साइबर जागरूकता संदेशों के प्रचार के लिए डाक विभाग के साथ भी सहयोग किया है।
