आज भाद्रपद मास की पूर्णिमा है, जो बेहद खास है। खास इसलिए क्योंकि इसी दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिससे ग्रहण का असर पूरे देश में भी महसूस होने वाला है।
भारत में चंद्र ग्रहण आज यानी रविवार, 7 सितंबर को रात 8:58 बजे शुरू होगा। यह रात 11:41 बजे पूरी तरह से ढक जाएगा। ग्रहण दोपहर 2:25 बजे (8 सितंबर) तक देखा जा सकेगा।
ज्योतिष के अनुसार ग्रहण एक अशुभ समय :
वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार ग्रहण एक अशुभ समय होता है। भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, अंटार्कटिका जैसी जगहों पर भी दिखाई देने वाला है।
यह खगोलीय घटना 5 घंटे 27 मिनट तक चलेगी। दरअसल, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुँचने से रोकती है, तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं।
82 मिनट तक रहेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण :
पूर्ण चंद्र ग्रहण का अर्थ है कि जब चंद्रमा पूरी तरह से ढक जाएगा, तो यह 82 मिनट तक चलेगा। इस खगोलीय घटना को पूरे एशिया में देखा जा सकेगा। इसे ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के कुछ हिस्सों, उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र, अफ्रीका से देखा जा सकेगा। इस अवसर पर दिल्ली के नेहरू तारामंडल में ‘चंद्र मेला’ का आयोजन किया जाएगा।
चूंकि यह ग्रहण इस बार भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य होगा। ग्रहण के कारण कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इतना ही नहीं, इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी वर्जित बताई गई है।
चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी न छुएं ये चीजें :
चंद्र ग्रहण के दिन नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं। इसलिए इस दिन देवी-देवताओं की मूर्ति या मंदिर को छूने से बचना चाहिए। इसलिए ग्रहण से पहले घर में पूजा स्थल को लाल या पीले कपड़े से ढक कर रखें।
भगवान की पूजा बंद करने के साथ-साथ चंद्र ग्रहण के दिन तुलसी के पौधे और पीपल, बरगद के पेड़ को छूने से भी बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करना आपको संकट में डाल सकता है।
इस चंद्र ग्रहण के दिन आपको चाकू, सुई, कैंची आदि नुकीली वस्तुओं के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए। इस दौरान इन चीजों को छूना अशुभता का संकेत है।
धार्मिक उपाय करने से नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है, जैसे इस दौरान ईष्टदेव के मंत्रों का जाप करना, खासकर चंद्र मंत्रों का जाप करना। मंत्र जाप से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
