विक्रम सिंह रिपोर्टर
हल्द्वानी (उत्तराखण्ड) – 04,अक्टूबर 2025
हल्द्वानी बागवानी के क्षेत्र में वैज्ञानिक और जैविक रूप से समृद्ध है, जहाँ वन अनुसंधान केंद्र द्वारा स्थापित फाइकस और पाम गार्डन जैसे अनूठे उद्यान जैव विविधता संरक्षण के महत्वपूर्ण केंद्र बने हैं। इन उद्यानों का उद्देश्य विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण करना और लोगों को प्रकृति व पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड उद्यान विभाग किसानों को फलदार पौधे और बागवानी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत करने में सहायता करता है।
प्रमुख उद्यान और पहलें:
फाइकस गार्डन
हल्द्वानी के लालकुआं में स्थित यह भारत का सबसे बड़ा फाइकस उद्यान है, जो फाइकस परिवार के पेड़ों, झाड़ियों और लताओं की लगभग 850 प्रजातियों का घर है। यह शोधकर्ताओं, छात्रों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोगशाला है।
पाम गार्डन
उत्तराखंड अनुसंधान केंद्र ने हल्द्वानी स्थित वन प्रशिक्षण संस्थान (FTI) परिसर में 4 एकड़ में पाम गार्डन स्थापित किया है, जो उत्तर भारत का पहला पाम गार्डन है। यहाँ ताड़ की 100 से अधिक प्रजातियाँ संरक्षित की गई हैं, जिनमें उत्तराखंड की कुछ लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
वन अनुसंधान संस्थान (FRI) उद्यान
यहाँ मांसाहारी पौधों का एक उद्यान स्थापित किया गया है, जो शोधकर्ताओं और छात्रों को मांसाहारी पौधों के व्यवहार और पारिस्थितिकी पर उनके प्रभाव का अध्ययन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
धार्मिक महत्व का बाग
हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र में एक ऐसी वाटिका भी है जहाँ बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण पेड़ जैसे साल, अशोक, जामुन, पीपल, देवदार और बांस पाए जाते हैं।
किसानों के लिए सहायता
उत्तराखंड उद्यान विभाग बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाता है।
इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को फलदार पौधे मुफ्त में वितरित किए जाते हैं, जिससे वे बागवानी के क्षेत्र में अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें।
यह विभाग वन उत्पादकता बढ़ाने और वन प्रबंधन में सुधार करने के लिए भी काम करता है, जिससे वनों पर निर्भर समुदायों की आजीविका में सुधार हो।
उत्पादन और अवसर
अनुकूल मौसम होने के कारण हल्द्वानी क्षेत्र में आम की अच्छी पैदावार की उम्मीद रहती है।
वन विभाग और उद्यान विभाग के प्रयासों से जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
