प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रभावी निगरानी के लिए एवं योजना (पीएमजीएसवाई) को अधिक बेहतर बनाने तथा इसके कार्यान्वयन में अधिक दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के लिए, एक आधुनिक वेब आधारित ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी और लेखांकन प्रणाली (ओएमएमएएस) बनाई गई है। सभी पीएमजीएसवाई कार्यों के कार्यान्वयन की निगरानी ओएमएमएएस के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक और वित्तीय प्रगति राज्यों को दिए गए समग्र लक्ष्यों के अनुरूप हों। इसके अलावा, पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत स्वीकृत प्रत्येक सड़क के निर्माण कार्यकलापों के बेहतर प्रबंधन के लिए ओएमएमएएस के अंतर्गत परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली (पीएमआईएस) बनाई की गई है।
ओएमएमएएस का उपयोग स्वतंत्र गुणवत्ता निगरानीकर्ताओं द्वारा मूल्यांकित पीएमजीएसवाई परियोजनाओं की गुणवत्ता की निगरानी के लिए भी किया जाता है, जिससे वास्तविक समय पर निगरानी में मदद मिलती है और ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा सुनिश्चित करने में पारदर्शिता आती है। राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानीकर्ताओं (एनक्यूएम) और राज्य गुणवत्ता निगरानीकर्ताओं (एसक्यूएम) द्वारा किए गए निरीक्षणों को गुणवत्ता निगरानीकर्ताओं द्वारा फील्ड पर जियो-टैग की गई तस्वीरों के साथ गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (क्यूएमएस) मोबाइल एप्लिकेशन पर अपलोड किया जाता है, जो अंततः ओएमएमएएस पोर्टल पर दिखाई देता है।
सड़क निर्माण के दौरान पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, मई 2022 से पीएमजीएसवाई III कार्यों के निष्पादन हेतु ठेकेदार/पीआईयू द्वारा तैनात सभी वाहनों/मशीनों/उपकरणों पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सक्षम वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे एक निश्चित अवधि के लिए इन मशीनरी/उपकरणों के उचित संचालन का आकलन करने में मदद मिलती है, जो निर्मित की जा रही सड़कों की निर्दिष्ट गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इसके अलावा, दोष सुधार दायित्व अवधि के दौरान सड़कों के रखरखाव पर और अधिक ध्यान केंद्रित करने और पीएमजीएसवाई सड़कों के नियमित रखरखाव को सुव्यवस्थित करने के उपाय के रूप में, ग्रामीण सड़कों का इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव (ई-मार्ग) शुरू किया गया है, जिसकी संकल्पना प्रदर्शन आधारित रखरखाव संविदा (पीबीएमसी) पर आधारित है। ठेकेदार को भुगतान अब ई-मार्ग के माध्यम से किया जाता है, जो सड़क की न्यूनतम स्थिति, उसके क्रॉस-ड्रेनेज कार्यों और यातायात परिसंपत्तियों पर आधारित होता है। यह भुगतान टुकड़ों में किए गए काम पर नहीं बल्कि इस बात पर आधारित होता है कि ठेकेदार संविदा में परिभाषित प्रदर्शन मानकों या सेवा स्तरों का कितनी अच्छी तरह पालन करता है।
हाल ही में, 11 सितंबर, 2024 को पीएमजीएसवाई-IV नाम से एक नया घटक शुरू किया गया है, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में 500+ आबादी, पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 250+ आबादी, विशेष श्रेणी के क्षेत्रों (जनजातीय अनुसूची-V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, मरूस्थलीय क्षेत्र) और 2011 की जनगणना के अनुसार वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में 100+ आबादी वाली सड़कों से नहीं जुड़ी 25,000 पात्र बस्तियों को बारहमासी संड़क संपर्क प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की सुविधा के लिए राज्यों के साथ पूरे समन्वय से काम कर रही है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने पीएमजीएसवाई-IV के लिए ग्राम सड़क सर्वेक्षण ऐप के माध्यम से सड़कों से नहीं जुड़ी बस्तियों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है जिसमें पात्र बसावटों और बसावटों को जोड़ने वाले व्यवहार्य संरेखण को जियो-टैग किया गया है।
पीएमजीएसवाई योजना के अंतर्गत प्रयुक्त निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का मूल्यांकन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाता है, जैसा कि संबंधित दिशानिर्देशों और भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) द्वारा प्रकाशित ग्रामीण विकास मंत्रालय की विनिर्देश पुस्तिका में निर्दिष्ट है। सामग्री परीक्षण की विस्तृत प्रक्रियाएँ गुणवत्ता आश्वासन पुस्तिका में प्रकाशित की गई हैं, जिसे कार्यक्रम की वेबसाइट www.pmgsy.nic.in ==> Documents+ पर देखा जा सकता है।
पीएमजीएसवाई सड़कों का निर्माण राज्य सरकारों द्वारा कम से कम 10 वर्षों की डिजाइन अवधि के साथ किया जाता है। पीएमजीएसवाई के दिशानिर्देशों के अनुसार, इस कार्यक्रम के अंतर्गत निर्मित सड़कों का रखरखाव राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। मानक बोली दस्तावेज के अनुसार, सभी पीएमजीएसवाई सड़क कार्यों में उसी ठेकेदार के साथ निर्माण संविदा सहित प्रारंभिक पांच वर्षीय रखरखाव संविदा को भी शामिल किया जाता है। संविदा को प्रभावी करने के लिए रखरखाव निधि का बजट राज्य सरकारों द्वारा तैयार किया जाना चाहिए और राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसियों (एसआरआरडीए) के निपटान में एक अलग रखरखाव खाते में रखा जाना चाहिए। निर्माण के बाद के इस 5 साल तक रखरखाव संविदा की समाप्ति पर, पीएमजीएसवाई सड़कों को समय-समय पर चक्रीय रूप से नवीनीकरण सहित 5 साल तक रखरखाव वाली जोनल रखरखाव संविदा के तहत रखा जाना आवश्यक है। इस मंत्रालय ने राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य दोष सुधार दायित्व अवधि के दौरान और दोष दायित्व के बाद की अवधि में पर्याप्त रखरखाव निधि उपलब्ध कराएं।
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
