यु सी सी लागु होने के बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय यूसीसी के दायरे से बाहर रखे गए
सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बनाए रखने के लिए उन्हें छूट
विक्रम सिंह रिपोर्टर
हल्द्वानी ( उत्तराखण्ड )-06,अक्टूबर 2025
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय यूसीसी के दायरे से बाहर रखे गए हैं, जिसका अर्थ है कि उन पर UCC के प्रावधान लागू नहीं होंगे और उनकी सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बनाए रखने के लिए उन्हें छूट दी गई है। यूसीसी का उद्देश्य धर्म, जाति या लिंग के आधार पर बिना भेदभाव के सभी निवासियों को समान नागरिक कानून प्रदान करना है, लेकिन जनजातियों और कुछ संरक्षित समुदायों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
मुख्य बातें
छूट का प्रावधान
उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद-342 में वर्णित अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होती है।
उद्देश्य
जनजातियों की पहचान, पिछड़ेपन और अन्य रीति-रिवाजों के संरक्षण के लिए उन्हें यूसीसी से बाहर रखा गया है, ताकि उनकी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की जा सके।
क्षेत्रीय भिन्नता
इसका मतलब है कि उत्तराखंड में अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तिगत कानून पहले की तरह ही लागू रहेंगे, जबकि बाकी समुदायों के लिए समान नागरिक संहिता लागू होगी।
संवैधानिक आधार
यह बहिष्कार संवैधानिक और कानूनी दोनों आधारों पर उचित है, क्योंकि यह जनजातियों की विशेष स्थिति की रक्षा करता है, जैसा कि संविधान के कुछ प्रावधानों में उल्लेखित है।
