असम के विश्वनाथ जिले में 2015 में अंधविश्वास के चलते एक महिला को ‘डायन’ बताकर भीड़ ने बर्बरता से पीटा और सिर काटकर हत्या कर दी थी इस जघन्य अपराध में 10 साल की सुनवाई के बाद अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. घटना ने उस समय भारी जन आक्रोश भी पैदा किया था.
असम के विश्वनाथ जिले की एक अदालत ने एक बेहद संवेदनशील और चर्चित मामले में 10 साल बाद फैसला सुनाया है. यह मामला 2015 में हुए एक बर्बर हत्या का है जिसमें अंधविश्वास के चलते एक महिला को डायन बताकर न केवल पीटा गया, बल्कि उसका सिर भी धड़ से अलग कर दिया गया था मंगलवार को बिस्वनाथ के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमुद बोरुआ ने चार आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई
सार्वजनिक अभियोजक जाह्नवी कलिता के मुताबिक, यह हृदयविदारक घटना जुलाई 2015 में बिहाली क्षेत्र के भीमाजुली गांव में हुई थी गांव के कुछ लोगों ने एक महिला पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर पहले उसे बेहरमी से पीटा, फिर उसका सिर काटकर हत्या कर दी यही नहीं, इस घटना में कई अन्य लोगों को भी पीटा गया और घायल किया गया
