इस बार रक्षाबंधन पर राहुकाल का साया ! जानें भाई को राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त?

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रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्यौहार है। यह हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर और उनके हाथ पर राखी बाँधकर उनकी सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। रक्षाबंधन हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। भारत के अलावा, यह त्यौहार दुनिया भर में भाई-बहनों के बीच मनाया जाता है जहाँ हिंदू धर्म के लोग रहते हैं। इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 9 अगस्त यानी कल मनाया जाएगा।

इस साल राखी पर भद्रा का साया नहीं है, लेकिन राहु की काली छाया ज़रूर पड़ने वाली है। रक्षाबंधन की सुबह राहुकाल शुरू हो जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, राहुकाल में भाई की कलाई पर राखी बांधना वर्जित माना जाता है। इस अशुभ घड़ी में गलती से भी भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए।

कब से लगेगा राहु काल?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन राहु काल का काला साया लगभग 1 घंटे 40 मिनट तक रहेगा, जो सुबह लगभग नौ बजकर 07 मिनट से शुरू होकर दस बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिषियों की सलाह है कि रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र राहु काल से पहले या बाद में बाँधें। अन्यथा यह शुभ कार्य फलदायी नहीं माना जाएगा।

श्रावण मास की पूर्णिमा का समय :

पंचांग के अनुसार इस साल श्रावण मास की पूर्णिमा आज यानि 8 अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और कल यानी 9 अगस्त को दोपहर एक बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा।

राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त:

ज्योतिष के अनुसार इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर बीच में राहु काल को छोड़कर दोपहर एक बजकर 24 बजे तक रहेगा। यानी लगभग साढ़े 5 घंटे का शुभ मुहूर्त है। इस समय में बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।

बहनें कैसे बाँधें राखी ?

रक्षाबंधन पर स्नान के बाद अपने इष्टदेव का स्मरण करते हुए पूजा की थाली तैयार करें। फिर भाई को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठाएँ।

इसके बाद भाई के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएँ, उसकी कलाई पर राखी बाँधें और उसे मिठाई खिलाएँ। फिर भाई की आरती उतारें और उसकी सलामती की कामना करें।

Kaushal kumar
Author: Kaushal kumar

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