बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों की घोषणा कर सकता है, लेकिन यह ऐलान दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे प्रमुख त्योहारों के बाद ही होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो मतदान नवंबर महीने में आयोजित किया जाएगा, जबकि मतगणना 15 से 20 नवंबर के बीच हो सकती है।
चुनाव आयोग ने राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR ) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची का संशोधन और प्रकाशन पूरा कर लिया है। अब आयोग चुनाव कार्यक्रम तय करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बार मतदान दो से तीन चरणों में कराया जा सकता है।
चुनाव के तारीखों का ऐलान अक्टूबर में :
धार्मिक आयोजनों को देखते हुए आयोग ने तय किया है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा दुर्गा पूजा और दशहरे के बाद की जाएगी। वहीं, वोटिंग की तिथियां छठ पूजा के बाद रखे जाने की चर्चा है, ताकि चुनाव प्रक्रिया किसी त्योहार से न टकराए।
सूत्रों के अनुसार, पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले समाप्त कर ली जाएगी। इसके मद्देनज़र आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने स्तर पर चुनावी मोर्चा संभाल लिया है। राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक रणनीतिक बैठकों का दौर चल रहा है।
बिहार में इस साल के अंत तक नई विधानसभा का गठन होना है। ऐसे में सभी प्रमुख दलों ने अपनी चुनावी मशीनरी सक्रिय कर दी है। राज्य की राजनीति में दो मुख्य गठबंधन – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन – आमने-सामने हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि किसके पाले में जनता का जनादेश जाता है।
किस दल के पास कितने विधायक हैं?
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से मौजूदा समय में एनडीए खेमे के पास 131 विधायक हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी के 80, जनता दल यूनाइटेड के 45, हम (से) के 4 और 2 निर्दलीय सदस्यों का समर्थन शामिल है। वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन के पास 111 विधायकों की ताकत है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 11, भाकपा (मार्क्सवादी) के 2 और भाकपा के 2 विधायक शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य में चुनाव दो या तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि मतदान का शेड्यूल छठ महापर्व के बाद तय किया जाएगा। यानी नवंबर महीने के पहले सप्ताह में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
